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Wednesday, July 12, 2023

वजन प्रबंधन के उपाय

परिवर्तित होती उम्रव्यक्तिगत प्रकृतिअनुवांशिकी और ऋतुओं के प्रभाव से जठराग्नि कम या अधिक हो सकती है जिसका प्रभाव पाचन पर और पाचन का प्रभाव शरीर के वजन पर पड़ता ही । 

शारीरिक वजन को कम करने के कुछ उपाय जिनका उल्लेख आयुर्वेद में हैं वे इस तरह हैं :

 

1.नये चावल का सेवन नहीं करें बल्कि कम से कम एक वर्ष पुराने चावल का सेवन करें । यदि नये चावल का सेवन करना ही हो तो पहले नये चावल को भून लें फिर खुले बर्तन में पकाने के बादमाड़ हटा कर इसका सेवन करें। ऐसा चावल पचाने में हल्का होता है । चावल का सेवन दिन में करें ।

 

2.गेहूँ स्निग्ध (फैट) होता है अतः मोटा अनाज और लघु धान्य जैसे ज्वारजौ और बाजरा इत्यादि की रोटी पर गाय का शुद्ध देसी घी लगा कर सेवन करें ।

 

3.मनुष्य का शरीर पंच तत्व जैसे पृथ्वीजलअग्निआकाश तथा वायु से बना है । इन तत्वों में से पृथ्वी तत्व सर्वाधिक भारी होता है । वजनकफ दोष के कारण बढ़ता है। कफपृथ्वी तथा जल तत्व से बनता है। वजन कम करने के लिये पृथ्वी तत्व को कम ग्रहण करना चाहिये । अनाजपृथ्वी तत्व से बना है । इसका अर्थ यह है की वजन कम करने के लिये अनाज का सेवन नहीं करें अथवा कम से कम स्निग्ध अनाज जैसे गेहूँ का सेवन कम करें । इनके स्थान पर बिना माड़ का खुले बर्तन में बना चावल अथवा मोटे अनाज अथवा लघु धान्य से बनी रोटी में देसी गाय के दूध से बना घी लगा कर सेवन किया जा सकता है । अनाज के स्थान पर पत्तियों का रससलादफलअंकुरित दालें और दाल और दाल से बने व्यंजन इत्यादि का सेवन किया जा सकता है ।

 

4.वजनकफ दोष के कारण होता है। मीठेखट्टे और नमकीन खाद्य पदार्थ के सेवन से शरीर में कफ बढ़ता है जिससे वजन बढ़ता है अतः इन तीन स्वाद के खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करें ।

 

5.कड़वे (जैसे मेथी दाना, करेला और कड़वी नीम इत्यादि)कसैले (जैसे आँवला और जामुन आदि) और तीखे (जैसे मिर्च) रस के खाद्य पदार्थ से शरीर में कफ कम होता है अतः वजन भी कम होता है ।

 

6.पाचक अग्नि को बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करेंजैसेदेसी गाय के दूध से बना घीदहीमट्ठाचटनीअचार और पापड़ जैसे खाद्य पदार्थों को आहार में सम्मिलित करें । 

 

7.सूर्यास्त के पूर्व भोजन कर लें । रात्रिकाल की तुलना में सूर्य भगवान की उपस्थिति में मनुष्य की जठराग्नि प्रबल होती है तथा इस कारण भोजन सरलता से पच जाता है ।

 

8.शरीर में कफ को नियंत्रित करने के लिये पानी को उबालेंठंडा करें और 1 गिलास पानी में 1 चम्मच शहद मिला कर सेवन करें । यदि शहद का सेवन नहीं करते हों गुड़ का सेवन कर सकते हैं ।

 

 

9.शहद के स्थान पर दही के पानी का सेवन भी सुबह कर सकते हैं ।

 

10. आधुनिक पोषण विज्ञान के अनुसार पिसी गेहूँ (वह गेहूँ जिससे रोटी बनती है) में ग्लूटन नामक तत्व होता है जो कि वजन बढ़ने के लिये उत्तरदाई होता है,  किंतु कठिया गेहूँ (जिससे सूजी और दलिया बनता है) में ग्लूटन की मात्रा सीमित होती है अत: वजन प्रबंधन हेतु पिसी गेहूँ के स्थान पर कठिया गेहूँ से बने व्यंजन का सेवन करना अच्छा होगा ।   


11.उचित मात्रा में मौसमानुकूल टहलेंव्यायामयोगासनध्यानऔर पूजन करें ।

 

12.प्रतिदिन अच्छी और पूरी नींद लें ।

 

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सादर

जय बाबा जय जिनेंद्र सदा

Thank You for writing. Please keep in touch. Avatar Meher Baba Ki Jai
 
Dr. Chandrajiit Singh

1 comment:

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