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शुक्रवार, 31 मई 2024

पित्त के नियत्रंण हेतु क्षारीय जल एवं अन्य उपाय

ग्रीष्मकाल में पित्त बढ़ने (एसिडिटी) के कारण सिरदर्द, आधी सीसी का दर्द, उबकाई आना, अपच और उल्टी की समस्या, कुछ लोगों को होती है।


पित्त की समस्या से बचने के लिये निम्नलिखित उपाय अपनाये जा सकते हैं:

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1. भूखे पेट बिल्कुल भी नहीं रहें, भूख लगते ही कुछ न कुछ खाते रहें, विशेषकर सुबह 10.00 बजे से दोपहर 2.00 के बीच बिल्कुल भी भूखे नहीं रहें क्योंकि सरकेडियन साइकिल के अनुसार इस बीच शरीर में पित्त (बाईल ऐसिड) का स्त्राव होने का समय होता है।


2. शुद्ध, देसी गाय के दूध से बने घी का रुचि अनुसार खाने में उपयोग करें।


3. देसी गाय के दूध से बने शुद्ध घी और शक्कर अथवा देसी मिश्री (सुतली वाली) को मिश्रित कर सेवन करना भी लाभदायक हो सकता है।


4.  मीठे और सुपाच्य, (पचने में हल्के आहार) का सेवन करें। गरिष्ठ आहार का और तेलीय आहार का उपयोग गर्मी में कम करें अथवा न करें। आप कड़वे और कसैले स्वाद का सेवन भी कर सकते हैं। इन तीनों ही रस (स्वाद) में अग्नि महाभूत नहीं है, विशेषकर मीठे स्वाद में, जिसमें अग्नि महाभूत नहीं है साथ ही जल महाभूत उपस्थित है जो कि एसिडिटी (अग्नि तत्व) को कम करने में सहायता करेगा।


5. तीखा (किसी भी प्रकार की मिर्च ) आहार बिल्कुल भी नहीं खायें, खट्टा और नमकीन स्वाद  के आहार का सेवन जितना कम हो सके  उतना कम करें, तीनों ही रस (स्वाद) में दो में से एक महाभूत है अग्नि है।
(कृपया ध्यान दें प्रत्येक रस पाँच में से दो महाभूतों से बना है)।


6. पुदीने की पत्ती, पुदीने की चटनी, पुदीन हरा अथवा डायजीन की गोली, भी पित्त को नियंत्रित करने में लाभकारी हो सकता है।


7. पित्त को नियंत्रित करने के लिये निम्नलिखित विधि से तैयार अल्कलाईन वॉटर (क्षारीय जल) का सेवन भी लाभकारी हो सकता है।


*क्षारीय जल तैयार करने की विधि:*
एक लीटर में पुदीने की 3 से 4 पत्तियों को धोकर डालें साथ में धुले हुये नींबू का एक छोटा टुकड़ा अथवा खीरे (जो कड़वा न हो) के एक छोटे टुकड़े को भी पानी में डालें और 3 से 4 घंटे के लिये पानी को स्थिर रखें फिर इस पानी को पीने में उपयोग करें । इस प्रकार के पानी से पित्त को संतुलित रखा जा सकता है ।


*कृपया ध्यान दें:*
यह लेख ज्ञानवर्धन के लिये है जिसके साथ आपके अनुभव के समावेश से इस विधि की उपयोगिता बढ़ जायेगी।


*आग्रह:*
कृपया लेख के बारे में अपने विचार और सुझाव, कमेंट बॉक्स में अवश्य अंकित करें।


संदर्भ:

ओज आयुर्वेद

आयुर्वेद फ़ॉर यू

easyayurved.com


*सादर*
*प्रियतम अवतार मेहेरबाबा की जय जय जिनेन्द्र सदा*


।।मेहेर न्यूट्रिशन।।
WA: 8319393727

🙏🏻🌈🌈😇😇🙏🏻


Thank You for writing. Please keep in touch. Avtar Meher Baba Ki Jai Dr. Chandrajiit Singh

3 टिप्‍पणियां:

  1. कृपया अपने सुझाव और विचार कमेंट बॉक्स में अंकित करें
    सादर,
    प्रियतम अवतार मेहेरबाबा जय जिनेन्द्र सदा 💐💐

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  2. उत्साहवर्धन हेतु आपको बहुत-बहुत धन्यवाद, प्रियतम अवतार मेहेरबाबा की जय जय जिनेन्द्र सदा 💐💐

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