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रविवार, 30 जून 2024

फलों में खास, फलों का राजा: आम

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आम का इतिहास भारत में लगभग 5000 वर्ष पुराना है। ऐसा कहा जाता है कि आम के पौधे का रोपण एक बौद्ध भिक्षु ने किया जिसके नीचे बैठ कर भगवान बुद्ध ने तपस्या की थी। धार्मिक रूप से आम बहुत ही पवित्र पेड़ माना जाता है, जिसकी लकड़ी और पत्तियों का उपयोग पूजा में होता है। आम के पेड़ को धन तथा वैभव की देवी माँ लक्ष्मी  से जोड़ कर भी देखा जाता है। आम का उल्लेख ऋग्वेद जैसे पुराने ग्रन्थों में भी देखने को मिलता है।


आम के रसीले मीठे स्वाद और खुशबू के कारण यह फल लगभग पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। इसीलिये इसे भारत में फलों का राजा कहा जाता है।

*पके आम का पोषक मान*
आधुनिक पोषण विज्ञान के अनुसार आम को पौष्टिक तत्वों का भंडार माना जाता है। इसमें निम्नलिखित पौष्टिक तत्व विद्यमान होते हैं :

सौ ग्राम आम में :
नमी: 81 ग्राम, प्रोटीन: 0.6 ग्राम, वसा: 0.4 ग्राम, खनिज तत्व: 0.4 ग्राम, रेशा: 0.7 ग्राम, कार्बोज़ (कार्बोहाइड्रेट): 16.9 ग्राम, ऊर्जा: 74 किलो कैलोरीज़,  कैल्शियम: 14 मिली ग्राम, फॉस्फोरस: 16 मिलीग्राम, लौह तत्व (आयरन): 1.3 ग्राम, 2743 माईक्रोग्राम केरोटीन (इस तत्व से विटामिन-ए का निर्माण होता है) तथा विटामिन सी:16  माईक्रोग्राम उपस्थित होता है।

*कच्चे आम के गुण धर्म:*
आयुर्वेद के अनुसार कच्चा आम स्वाद में खट्टा और कसैला होता है। कच्चे आम की अधिक मात्रा में सेवन से बचें क्योंकि यह तीनों दोषों वात पित्त और कफ को बिगाड़ने वाला होता है। यदि कच्चे आम का सेवन करना ही हो तो कच्चे आम का अचार अथवा पने का सेवन अल्प मात्रा में कभी कभी कर सकते हैं। भुने हुये कच्चे आम के पने का सेवन गर्मी के दिनों में और लू में फायदेमंद होता है।

*पके आम के गुण धर्म:*
पका हुआ आम स्वाद में मीठा तथा अंत में कुछ कसैला होता है तथा वात और पित्त को कम करने वाला है किंतु कफ को बढ़ाने वाला होता है।
चूस कर खाने वाले देसी आम में रेशे अधिक होते हैं। कलमी आम की तुलना में इसमें  अधिक रस तथा कम गाढ़ा (ठोस पदार्थ) होता है इस कारण यह पाचन में लघु (हल्का) होता है किंतु काट कर खाने से आम पचने में गुरु (गरिष्ठ) होता है क्योंकि इसमें रस कम और गाढ़ा पन (ठोस पदार्थ) अधिक होता है ।

*आम के प्रसंस्कृत तथा मूल्य संवर्धित उत्पाद:*
आम के निम्नलिखित प्रसंस्कृत तथा मूल्य संवर्धित उत्पाद, लोगों के बीच बहुत ही लोकप्रिय और प्रचलित हैं:
1. कच्चे आम के उत्पाद: अमचुर, पना, मुरब्बा और अचार।
2. पके आम के उत्पाद:  जैम, रस और अमावट इत्यादि।

*विरुद्ध आहार:*
आम के कुछ उपयोग बहुत ही पसंद किये जाते हैं जैसे, मैंगो शेक, कस्टर्ड और आईसक्रीम जो कि आम और दूध से बनते हैं।
ध्यान रखियेगा कि आयुर्वेद के अनुसार दूध और फल का सेवन साथ में नहीं किया जाता क्योंकि यह विरुद्ध आहार हैं।

अनुलेख :
सन् 300 से 400 ए. डी. के मध्य आम को अरब देशों (मिडिल ईस्ट), पूर्वी अफ्रीका तथा दक्षिणी अमरीका में लाया गया। ऐसा भी कहा जाता है कि सन् 1600 के आसपास स्पेन के खोजी यात्रियों इस फल को ले कर दक्षिणी अमरीका गये और सन् 1833 में यह फल फ्लोरिडा, अमरीका पहुँचा। वर्तमान काल में यह हल्के गर्म और गर्म देशों में उगाया जा रहा है, जैसे दक्षिण एशिया, दक्षिण पूर्व एशिया, पूर्व एवं पश्चिम अफ्रीका, अमरीका के गर्म हिस्सों और कैरिबियन देशों में आम के वृक्ष उगाये जा रहे हैं।

आम को मलय भाषा में 'मंग्गा' तथा तमिल में इसे 'मन' और 'केय' बुलाया जाता है जिसका अर्थ 'आम का वृक्ष' और 'कच्चा फल' होता है। संस्कृत में आम को आम्र, अम्रीक, आम्रावल्ली, आम्रष्ट और आम्रवन के नाम से बुलाया जाता है, अंग्रेज़ी में आम को 'मैंगो' (Mango) तथा वैज्ञानिक भाषा में इसे मैंजीफैरा इंडिका (Manjifera indica) बुलाया जाता है।

संदर्भ:
1. न्युट्रिटिव वैल्यू ऑफ इंडियन फूड्स, द्वारा: आई.सी.एम.आर. एवं नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन।
2. ऋग्वेद।
3. भाव प्रकाश निघंटु एवं चरक संहिता।

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*जय प्रियतम अवतार मेहेरबाबा जय जिनेन्द्र सदा*
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Thank You for writing. Please keep in touch. Avtar Meher Baba Ki Jai Dr. Chandrajiit Singh

1 टिप्पणी:

  1. *आग्रह:*
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