आमतौर पर खीरा और ककड़ी हमारे खाने में सलाद के तौर पर, गर्मी के दिनों में चाव से खाया जाता है। आईये हम आयुर्वेद के अनुसार खीरे और ककड़ी के गुण धर्म जानने का प्रयास करते हैं जिससे इनका आहार के रूप में सदुपयोग बेहतर किया जा सके:
ककड़ी और खीरे के आयुर्वेदिक गुण:
1. ककड़ी और खीरे का स्वाद तथा विपाक मीठा रस होता है। यह रुक्ष (रूखा) होता है किंतु प्यास बुझाने वाला थकान मिटाने वाला तथा शारीरिक जलन को कम करने वाला होता है।
2. यह लघु (पचने में सरल) होता और विष्ठाम्भी (मल को रोकने वाला) होता है।
2. यह पित्त को कम करता है, अतः पित्त की समस्या जैसे एसिडिटी (पित्त भड़कना), आधा सीसी का दर्द उल्टी तथा खट्टी डकार, रक्तपित्त (ब्लीडिंग) की स्थिति में इसका सेवन करना लाभकारी हो सकता है।
2. यह शीत प्रकृति का होता है अतः खाँसी ज़ुखाम की स्थिति में इसका सेवन नहीं करना चाहिये।
2. खीरे के टुकड़े बंद आँखों पर रखने से आँखों की थकावट दूर होती है।
3. खीरे के गूदे और बीज को माथे पर लगाने से अनिद्रा दूर होती है।
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