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Thursday, April 6, 2023

वीर्य (तासीर) के अनुसार आहार (खाद्य पदार्थों) का श्रेणीकरण

आहार का वर्गीकरण वीर्य (तासीर अथवा पोटैंसी) के अनुसार भी की जाती है । इस आधार पर आहार दो श्रेणीयों में विभक्त किया गया है । यह हैं:

1.      उष्ण वीर्य (गर्म तासीर) के आहार : इस श्रेणी में वह खाद्य पदार्थ आते हैं जिनका सेवन तब किया जाता है जब वातावरण का तापमान ठंडा होता है । इस प्रकार शरीर को संतुलित रखा जाता है ।

2.      शीत वीर्य (ठंडी तासीर) के आहार: इस श्रेणी में वह खाद्य पदार्थ आते हैं जिनका सेवन तब किया जाता है जब वातावरण का तापमान गर्म  होता है । इस प्रकार शरीर को संतुलित रखा जाता है ।

ऊष्ण वीर्य (गर्म तासीर) के आहार:

1. मेवे: बादाम त्रिकोण फल (ब्राज़ील नट) काजूकिशमिश (बिना पानी में फुलाई हुईसूखी हुई)अखरोटशाहबलूत (चैस्ट नट), पिंगल फल अथवा पहाड़ी बादाम (हेज़ल नट)मुँहफलीतिल के बीज (दाने)सूरजमुखी की बीजपिस्ता और मेवा (बिना पानी में फुलाया हुआ और बिना छीला हुआ) ।

2. मसाले: काली मिर्चमिर्चधना (धनिये का बीज)ज़ीरासौंफमेथी दानाजावित्रीतेज़ पत्ताअदरकसोंठकेसरहल्दीअजवाईनजायफलबड़ी इलायचीहींग और पीपली ।

3.    तेल: सूरजमुखी का तेलमक्के का तेलसरसों का तेलमुँहफली  का तेलजैतून का तेलअखरोट का तेलतिल का तेलकुसुम का तेल (सैफफ्लावर तेल) और अलसी का तेल   

4.      घी: देशी गाय के दूध से बना घी ।

5.   अनाज एवं मोटा अनाज:  कुट्टू (बकव्हीट)जईबिना पॉलिश अथवा कम पॉलिश किया हुआ भूरा चावल (ब्राऊन राईस)बाजरामक्काराई और मोटा अनाज ।   

6.      दालें: अरहर,  उड़दनेवी बीनभूरी मसूरराजमा और मीज़ो ।

7. फल: सेब का रसपपीताचैरीसूखे फलचकोतरारसभरीकीवीनींबूबड़ा नींबू (लाईम)लीचीआमसंतरापंजा फल (पॉपॉ - एक तरह का पपीता जैसा दिखने वाला फल)आड़ू / रतालू (पीच)अनानासआलू बुखारा (प्लम)रसभरी (रैस्पबैरी)सैत्सुमा (एक प्रकार का संतरा)स्ट्रॉबैरीपकाया हुआ सेबखुबानी (ऐप्रिकॉट), ब्लैकबैरी (कृष्णबदरी)पका केलाकरौंदा (क्रैनबैरी)हरे अंगूर और चकोतरा।

8. सब्ज़ियाँ: हाथीचक (आर्टिचोक)बिना पकाया हुआ टमाटरपकाया हुआ टमाटरटमाटर का सॉसबैंगनशिमला मिर्चलहसुनहरा प्याज़ (लीक)प्याज़गाज़रमूलीमशरूमप्याज़सरसों का सागपार्सनिप (गाज़र की तरह सफेद रंग का मूल)मिर्चस्वीड (एक प्रकार का शलजम)परवलशलजमचुकंदरस्वीट कॉर्नजलकुम्भी (वॉटरक्रेस)ब्रसल स्प्राऊट गोभीबरडॉक जड़ (बरडॉक रूट) और जैतून ।

9.   दूध एवं दुग्ध उत्पाद: गाढ़ा दूध (कंडैंस्न्ड दूध)क्रीमअंडे का पीला भागसोया दूध और मेयोनेज़ (एक प्रकार का मक्खन)छाछदही, (ध्यान रखें कि छाछ और दही का सेवन ग्रीष्म ऋतु में अधिक लाभकारी होता है)

10.  पेय पदार्थ: कॉफीचायकोला,  गर्म चॉकलेटनींबू का शर्बतमॉल्ट का रस (अंकुरित और भुने जौ का रस) और सन्तरे का रस ।

11.  मीठा: शहदखार (मार्मिट)पुडिंग (आटे अथवा मैदे को बेक (सेंकना) कर के अथवा उबाल कर बनाया गया मीठा व्यंजन)सफेद शक्करभूरी शक्कर अथवा खाँडदेसी गुड़ और पिंड खजूर (प्रसंस्कृत अथवा तैयार किया गया) 

12.  अन्य आहारीय अवयव: बबूल का गोंदविभिन्न प्रकार के अचारनमकधूँये  से उपचारित आहार (स्मोक्ड फूड)सिरकाखमीर (यीस्ट)बिस्कुटकेकचॉकलेट और जैम   

शीत वीर्य (ठंडी तासीरके मसाले और आहार :

1.    मेवे: कुम्ड़ाह की बीजबादाम (पानी में फुलाया हुआ तथा छिलका उतारा हुया) एवं नारियल और खजूर का फल और भीगी (पानी में फुलाई हुई) किशमिश ।  

2.      मसाला: इलायचीदालचीनीलौंगपुदीना और नारियल ।

3.      तेल: नारियल का तेलतिल का तेल और वनस्पति तेल 

4.    अनाज एवं मोटा अनाज तथा इनसे तैयार उत्पाद: जौजवाकिनोवाफलियाँब्राऊन ब्रैड (गेहूँ से बनी डबल रोटी)सफेद ब्रैड (मैदे से बनी डबल रोटी),  सफेद चावलपीला चावलगेहूँराजगीर एवं टैपिओका ।

5.      दालें: मूँग दाललाल मसूरपिंटो बीनसोयाबीनअंकुरित दालें और सफेद सेम (व्हाईट बीन) ।

13.  फल: स्ट्रॉबैरीअंगूर (लालबैंगनी / काले)तरबूज़खरबूज़नाशपाती (ऐवोकैडो)अंजीरअनाररभर्ब (रेवाचीनी)सेबऐवोकैडो (एक प्रकार की नाशपाती)नाशपाती (पियर)केलाबेलसिंघाड़ाजामुनइमलीकिशमिश और खजूर का फल (जिसका प्रसंस्करण नहीं किया गया है) ।

6.     सब्ज़ियाँ: आलू,, भिंडीफ्रैंच बीनमटर,  शतावर,  फलियाँब्रौकली (हरी गोभी)पत्ता गोभीफूल गोभीकेल गोभीबेल वाली सब्ज़ियाँ (जैसे तुरईकुम्ड़ाहस्क्वॉश और ज़ुकनी आदि)पालकधनिया पत्तीलैटस (सलाद पत्ता)अजवाईन पत्ता अथवा अजमोद पत्ता (सलाद)खीराककड़ी और करेला (भावप्रकाश के अनुसार अहिमा अर्थात कयदेव निघंटु के अनुसार न गर्म न ठंडाग़र्म तासीर: भोजन कतुहलम के अनुसार)।

7.   दूध एवं दुग्ध उत्पाद: गाय का दूधबिना मलाई का दूधमक्खनबकरी का दूधचीज़अंडे का सफेद भागगाय के दूध से बना घीआईस क्रीममार्जरीन और योगर्ट (एक प्रकार का दही) 

8.      पेय पदार्थ: नारियल का पानी ।

9.      मीठा: मिश्री । 

10.  अन्य आहारीय अवयव: गोंद कतीरा ।          

Thank You for writing. Please keep in touch. Avtar Meher Baba Ki Jai Dr. Chandrajiit Singh

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