घर से बाहर खाना खाने से पहले यह जानना अच्छा होगा कि व्यावसायिक तौर पर खाना तैयार करने के लिये निम्नलिखित खाद्य सामग्री का उपयोग किया जा सकता है, अतः अच्छा होगा कि आप सावधान रहें -
1. दावतों अथवा घर के बाहर
तैयार किये गये खाने का स्वाद बढ़ाने के लिये कभी-कभी अजीनोमोटो (एम. एस. जी.
अर्थात मोनो सोडियम ग्लूटामेट) का उपयोग होता है जो कि एक रसायन है तथा इसके
आहारीय उपयोग पर प्रश्न लगे हैं ।
2. कई बार, इस
प्रकार का खाना बनाने के लिये उपयोग तिथि के बाद (पुरानी) की खाद्य सामग्री एवं
मसालों का उपयोग किया जाता है ।
3. दही बड़े तथा अन्य वयंजन
बनाने के लिये खट्टे दही का उपयोग किया
जाता है जो कि कई महीने पुराने होते हैं और इनमें खटास को कम करने के लिये पी.एच.
स्टेबलाईज़र नामक रसायन का उपयोग किया जाता है। ध्यान दीजीये कि यह रसायन, प्राकृतिक
आहार नहीं होता है ।
4. कभी-कभी कम गुणवत्ता की
तथा बची खुची सब्ज़ियों का भी उपयोग होता है जो कि नुकसानदायक हो सकती हैं ।
5. पनीर को सफेद बनाने
के लिये ब्लीचिंग पाऊडर (कैल्शियम हायपोक्लोराईट) का उपयोग किया जाता है जो कि
आहार नहीं है तथा आँतों को नुकसान पहुँचा सकता है ।
6. ताज़ी खाद्य सामग्री की
प्राकृतिक खुशबू के कारण, खाना खाने के पहले ही भूख खुलने लगती है, किन्तु पैकेट बंद तथा बोतल बंद खाद्य पदार्थ ताज़े नहीं होते अतः इनसे प्राकृतिक
खुशबू नहीं आती है अतः इस प्रकार की खाद्य सामग्री भूख खोलने में सक्षम नहीं होती
है । अधिकतर लोग बिना भूख ठीक ढंग से खुले ही इन पदार्थों का सेवन करते हैं जिनमें
रंग, एसेंस (अप्राकृतिक खुशबू) और प्रिजर्वेटिव (परिरक्षक)
होते हैं जो कि आहार नहीं होते तथा लंबे समय तक इन्हें खाये जाने से यह अपच कर
हानि पहुँचा सकते हैं ।
7. हाँलाकि अच्छे ब्रांड
के प्रसंस्कृत उत्पाद, पूरी साफ-सफाई से तथा तय शुदा मानकों के अनुसार बनते हैं, अतः
खुले में बिकने वाली खाद्य सामग्री की तुलना में ब्रांडैड प्रसंस्कृत उत्पाद
गुणवत्ता में बेहतर होते हैं। कई खाद्य विज्ञान तकनीक भी ऐसी आ गई हैं जिसके
अंतर्गत बिना प्रिजर्वेटिव (परिरक्षक) के उपयोग के भी परिरक्षित खाद्य उत्पाद
तैयार किये जा सकते हैं ।
8. दावत के बुफे सिस्टम
में, चूँकि सभी व्यंजन, मेहमानों के समक्ष रखे हुये होते हैं जो कि बहुत ही आकर्षक
होते हैं, इसलिये कई लोग अलग-अलग किंतु कई प्रकार के व्यंजन एक साथ खा लेते हैं जिससे अपच और
अजीर्ण हो सकता है ।
9. आयुर्वेद के अनुसार
चावल की तासीर ठंडी होती है जिसे रात को नहीं खाना चाहिये । इसी तरह दही के साथ उड़द का सेवन निषेध है अतः दही-बड़ा भी विरुद्ध
आहार है । पके आहार के साथ कच्चे आहार के सेवन का निषेध है अत: पके खाने के साथ
सलाद और फल आदि के सेवन का भी निषेध है ।
इसलिये घर के खाने से
अच्छा कुछ भी नहीं है ।
*सादर*
*जय
प्रियतम अवतार मेहेरबाबा जय जिनेन्द्र सदा*
आदरणीय पाठकगण, सादर की बाबा जय जिनेन्द्र सदा, कृपया लेख के सम्बंध में अपने विचार दिये गये कमेंट बॉक्स में अवश्य अंकित करें तथा उत्साहवर्धन करें। सादर जय प्रियतम अवतार मेहेरबाबा जय जिनेन्द्र सदा 💐💐💐💐
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