आजकल की आधुनिक जीवन शैली को अपनाने के कारण काफी अधिक संख्या में लोग सर्वाइकल अर्थात (गर्दन) के तथा लम्बर अर्थात पीठ (रीढ़ की हड्डी) के स्पॉन्डिलियोसिस नामक दर्द की समस्या से जूझते मिल जाते हैं। ऐसा बताया जाता है कि प्राकृतिक चिकित्सा में इस समस्या का उपचार है। आईये जानें इस उपचार को:
उपचार:
इस समस्या के प्राकृतिक निराकरण के हेतु निम्नलिखित कार्य करें:
सामग्री:
ब्राम्ही: 20 पत्ते
काली मिर्च: 20 दाने
बादाम: 1 नग
देसी मिश्री: 10 ग्राम
काढ़े को तैयार करने की विधि:
1.उपरोक्त पूरी सामग्री को मिला लें।
2.मिली हुई सामग्री को पत्थर के सिल पर बारीक़ पीस लें।
3. पिसी हुई सामग्री को आधे गिलास पेय जल (100 से 150 मिली लीटर ) में डाल कर मिला लें ।
4. इस काढ़े को छान लें।
5. इस शर्बत को 2 से 4 हफ्ते तक सुबह खाली पेट सेवन करें।
6. रोज़ ताज़ा काढ़ा बना कर सेवन करें।
7. वात बढ़ाने (गैस बनाने वाले) आहार का सेवन नहीं करें, वात को कम करने वाले आहार का सेवन करें।
8. ऊँची तकिया नहीं लगायें बल्कि सपाट तख्त पर सोयें।
9.शीश (सिर) और रीढ़ की हड्डी को नीचे झुका कर कार्य नहीं करें।
10. फिज़ियोथैरिपिस्ट द्वारा बताई गई कसरतें करते रहें और डॉक्टर के परामर्श को अपनायें।
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परम पिता परमेश्वर से प्रार्थना है कि वे आपको सदा स्वास्थ्य रखें।
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जय प्रियतम अवतार मेहेरबाबा, जय जिनेन्द्र सदा
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कृपया ध्यान दें:
उपरोक्त उपचार पारंपरिक तथा व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर ही है। इसका कोई वैज्ञानिक परीक्षण सम्बन्धी आधार नहीं है। यह लेख मात्र पाठकों के सूचनार्थ है। किसी भी अनुशंसा को अपनाने के पूर्व कृपया प्राकृतिक / आयुर्वेदिक / एलोपैथिक (अंग्रेज़ी) चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें।
जानकारी का स्त्रोत एवं अनुभव:
इस काढ़े के बारे में डॉ. यू.एस. शर्मा, सतना (म.प्र.) ने बताया है। डॉक्टर साहब जब बैतूल में कार्यरत थे तब बैतूल के जंगल के निवासी आदिवासी के ने बताया था। इस काढ़े का सेवन कर डॉक्टर साहब ने खुद अपना सफलतापूर्वक उपचार किया है।
आग्रह:
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सादर
प्रियतम अवतार मेहेरबाबा की जय जिनेन्द्र सदा
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ReplyDeleteसादर
प्रियतम अवतार मेहेरबाबा की जय जय जिनेन्द्र सदा
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बहुत ही उपयोगी जानकारी महोदय
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद भैया, कृपया अपना नाम और पता भी बताने की कृपा करें, सादर प्रियतम अवतार मेहेरबाबा की जय जिनेन्द्र सदा 🎂💐💐🎂
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