ग्रीष्म ऋतु में, वर्ष का सबसे गर्म महिना ज्येष्ठ (जेठ) 24 मई से प्रारम्भ हो कर और 21 जून तक चलेगा ।
पारंपरिक ज्ञान के अनुसार ज्येष्ठ माह की अनुशंसा इस प्रकार हैं:
1. दिन में धूप में, घर से बाहर नहीं निकलना चाहिये तथा दोपहर में घर पर ही निद्रा लेनी चाहिये अन्यथा वातावरण का बढ़े हुये तापमान और लू के प्रभाव के कारण उल्टी, दस्त, हीट स्ट्रोक और बुखार जैसी समस्यायें हो सकती हैं।
2. ज्येष्ठ माह में राई का सेवन नहीं करें क्योंकि राई की तासीर गर्म होती है। वातावरण के अधिक तामपान में यदि गर्म तासीर के आहार के सेवन से पाचन सम्बन्धी समस्या हो सकती है।
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